1- स्थिति पतित पावनी गंगा एवं यमुना के तट पर स्थित प्रयागराज उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर है | जिसकी जनसख्या 4936105 है | जनपद का कुल क्षेत्रफल 5437.2 वर्ग किमीओ है जो जो प्रदेश के क्षेत्रफल का 35 प्रतिशत तथा मंडल के क्षेत्र का ३५ प्रतिशत है| जनपद शहर में प्रतापगढ़ और जौनपुर से पूर्व में मिर्ज़ापुर और संतरविदास नगर तथा पश्चिम में कौशाम्बी और फतेहपुर जनपदों से लगा है |इसकी दक्षिणी सीमा इसे मध्य प्रदेश राज्य से अलग करती है |
2 - संरचना - जनपद प्राकृतिक विषमताओ , भूमि संरचना , मिट्टी की किस्म तथा विकास स्तरों के दृष्टिकोण से तीन भागो में विभक्त है जो गंगापार, यमुनापार और दॉवा क्षेत्र के नाम से संबोधित किया जाता है |
3 - ऎतहासिक पृष्ठभूमि - पुराणों के अनुसार राजा पपुरखा इला की राजधानी प्रतिष्ठानपुर (झूंसी) में थी जिनकी माता मनु की पुत्री इला का निवास होने के कारण ही इसका नाम इलाहबाद पड़ा था | अकबर किल बनाकर इलाहाबाद को बसाया इसलिए भी इसका नाम इलाहाबाद पड़ा| इसके अतिरिक्त त्रिवेणी यहाँ के पाव संगम पर कुम्भ तथा अर्धकुम्भ के मेले का भी महत्व है |
4 - जीविकोपार्जन एवं जैविकसंसधान - दो नदियाँ होने के कारण यहाँ का मुख्य व्यवसाय कृषि है |
5 - जनसंख्या वर्ष 2001 की जनगणना अनुसार प्रयागराज की कुल जनसंख्या 4936105 है | कुल जनसंख्या में ग्रामीण क्षेत्र की जनसंख्या 74.4% तथा नगर क्षेत्र की 25.6% है | जनसंख्या में पुरुष तथा महिला का प्रतिशत क्रमशः53.13% एवं 46.87% है | जनपद में अनुसूचित जाती की आबादी 21.24% है | पुरुष एवं महिला की जनसंख्या निम्नवत है |
स्तर | पुरुष | महिला | कुल |
---|---|---|---|
ग्रामीण | 1962425 | 1766895 | 3729320 |
नगरीय | 664023 | 542762 | 1206785 |
कुल | 2626448 | 2309657 | 4936105 |
साक्षरता - वर्ष 2001 को जनगणना के अनुसार जनपद की साक्षरता दर 62.1% है जिसमे कुल पुरुष साक्षरता दर 75.8% एवं महिला साक्षरता दर 46.4% है | वर्ष 1991 व वर्ष 2001 की साक्षरता दर का तुलनात्मक विवरण निम्नवत है -
वर्ष 1999 व वर्ष 2001 की साक्षरता दर का तुलनात्मक विवरण
क्रमांक | विवरण | वर्ष 1991 का प्रतिशत | वर्ष 2001 का प्रतिशत | वृद्धि |
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1. | कुल साक्षरता | 46.% | 62.2% | 15.8% |
2. | कुल पुरुष साक्षरता | 63.1% | 75.83% | 12.7% |
3. | कुल महिला साक्षरता | 26.8% | 46.4% | 19.6% |
उक्त से स्पष्ट है 1991 वर्ष से 2001 वर्ष तक साक्षरता में वृद्धि हुई है |
नामांकन - वर्ष 2007-08 एवं 2008-09 में परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय में नामांकन की स्थिति निम्न सरणी में अंकित है -
नामांकन स्तर | बालक | बालिका | योग | |||
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07-08 | 08-09 | 07-08 | 08-09 | 07-08 | 08-09 | |
प्राथमिक | 262361 | 216106 | 274820 | 238312 | 937181 | 454418 |
उच्च प्राथमिक | 45191 | 44148 | 50445 | 52492 | 95636 | 96640 |
उपरोक्त सारणी को देखने से स्पष्ट है की जनपद में प्राथमिक विद्यालय में वर्ष 2007-08 में कुल नामांकन 537181 से वर्ष 08-09 में 454418 एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय में कुल नामांकन 95636 से बढ़कर 96640 हो गया है जिससे स्पष्ट है की परिषदीय प्राथमिक विद्यालय के नामांकन में कमी हुई है एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय स्तर पर बालिकाओं को नामांकन में वृद्धि हुई है| जिससे शिक्षा के क्षेत्र में किये गये प्रयासों का प्रभाव स्पष्ट दिखाई दे रहा है |